
Elon Musk की सैटेलाइट कंपनी Starlink को भारत में ब्रॉडबैंड इंटरनेट के लिए 5000 से ज्यादा ऑर्डर मिले हैं। इस ब्रॉडबैंड सर्विस के आने से भारतीय यूजर्स को हाई स्पीड डेटा मिलेगा। स्टारलिंक के कंट्री डायरेक्टर संजय भार्गव ने कहा है कि भारत में प्री-बुकिंग की संख्या 5000 का आंकड़ा पार कर गई है। कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी ब्रॉडबैंड सर्विसओं का विस्तार करने के लिए काम कर रही है।
भारत में दिसंबर 2022 तक सर्विस शुरू हो सकती है
कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों के बदलते जीवन में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी के महत्व पर सांसदों, मंत्रियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ भी बातचीत करेगी। स्पेसएक्स की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इकाई का लक्ष्य सरकार की मंजूरी के साथ दो लाख एक्टिव टर्मिनल्स के साथ दिसंबर 2022 तक भारत में ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करना है।
बीटा यूजर्स के लिए इतना है किराया
भार्गव ने कहा कि कंपनी बीटा स्टेज के लिए फिलहाल 99 डॉलर या 7350 रुपये प्रति यूजर जमा कर रही है, जिसमें ग्राहकों को 50 से 150 मेगाबाइट प्रति सेकेंड की स्पीड से डाटा देने का दावा किया जा रहा है।
Starlink ने अपने प्री-ऑर्डर नोट में कहा है कि कंपनी की ब्रॉडबैंड सर्विस कई देशों में उपलब्ध है। प्री-ऑर्डर्स की अधिक संख्या के साथ, सरकार से अप्रूवल प्राप्त करना आसान हो जाएगा। टेक दिग्गज ने आगे बताया कि उसे अगले कुछ महीनों में एक पायलट प्रोग्राम या पैन इंडिया अप्रूवल मिलने की उम्मीद है।
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लोगों तक ऐसे पहुंचाई जाएगी सर्विस
टेक दिग्गज भारत में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसे टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को सीधे चुनौती देगी। Starlink भारत के उन ग्रामीण क्षेत्रों के साथ काम करेगी, जो 100% ब्रॉडबैंड प्राप्त करना चाहते हैं। इनमें से अधिकांश क्षेत्रों में ग्राउंड ब्रॉडबैंड सर्विस दी जाएगी, लेकिन दूर-दराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक जैसी सैटकॉम से ब्रॉडबैंड सर्विस प्रदान की जाएगी।
मस्क की कंपनी के अध्यक्ष ग्विन शॉटवेल के मुताबिक, स्पेसएक्स ने करीब 1800 सैटेलाइट्स तैनात किए हैं। एक बार जब वे सैटेलाइट्स अपनी ऑपरेशनल ओर्बिट में पहुंच जाएंगे, तो स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस सितंबर 2021 तक वैश्विक कवरेज प्रदान करेंगी।
भारत में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्पेसएक्स को किसी भी सर्विस की पेशकश करने से पहले आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने का निर्देश दिया है। दूरसंचार विभाग को स्पेसएक्स द्वारा भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन इसे भारतीय उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने से पहले देश के कानूनों का पालन करने के लिए तैयार रहना होगा।